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लेखनी कहानी -एक इंसान जिसकी मौत के बाद होती है उसके बुलेट की पूजा - डरावनी कहानियाँ

एक इंसान जिसकी मौत के बाद होती है उसके बुलेट की पूजा - डरावनी कहानियाँ

 भारत देश में पशु पक्षियों और पेड़ो की पूजा तो आम बात है लेकिन आज जिस जगह के बारे में हम आपको बताने जा रहे है वहा पर इंसान की तो पूजा होती है साथ ही साथ उसकी मोटर साईकिल भी पूजी जाती है और स्थानीय निवासी यहा माथा टेककर मन्नत भी मांगते है | यहा केवल स्थानीय लोगो के अलावा यहा के पुलिस कर्मी भी ड्यूटी से पहले यहा जरुर आते है जोधपुर से पाली की और जाते समय पाली जिले से 20 की.मी. पहले एक दुर्घटना संभावित क्षेत्र लिखा बोर्ड दिखाई देगा और साथ ही वहा भारी भीड़ से भरा एक चबूतरा दिखेगा जहा एक बहुत बड़ी फोटो और ज्योत जलती नजर आयेंगी तो समझ लीजीये यही है ओम बना की बुलेट मोटर साईकिल | ये मोटर साइकल हमेशा फूलो से घिरी रहती है क्या है इस मोटर बुलेट बाबा का रहस्य ???? क्यों जाती है बुलेट की पूजा ????? आइये जाने ओम सिंह राठौड़ उर्फ़ ओम बन्ना राजस्थान की पाली जिले के एक गाँव चोटिला के ठाकुर श्री जोग सिंह जी राठोड के पुत्र थे | ओम बन्ना को बुलेट चलाने का बहुत शौक था और एक दिन इसी जगह पर बुलेट से जाते समय इनकी एक भारी दुर्घटना में 1988 में देहांत हो गया | तब से ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर हमेशा कोई ना कोई वाहन दुर्घटना होती रहती थी और कई गाँव के लोग यहाँ दुर्घटना में मारे गए | ओम बन्ना की मौत के बाद उनकी बुलेट को स्थानीय पुलिसकर्मियों ने कार्यवाही के दौरान बुलेट को थाने में लेकर आ गए लेकिन जब सुबह उस बुलेट को गायब देखकर सभी पुलिस वाले आश्चर्य चकित हो गए | उनके ढूंढने पर वो बुलेट उनको इसी दुर्घटना स्थल पर मिली | दो या तीन बार वापस ऐसा ही हुआ बुलेट अपने आप दुर्घटना वाली जगह पर पहुच जाती | ये सब देखते हुए स्थानीय पुलिस कर्मियों और ओम बन्ना के पिताजी ने उस बुलेट को वही छाया में रख दिया | इस चमत्कारिक घटना के बाद स्थानीय लोगो के अनुसार ओम बन्ना की आत्मा यहाँ वाहन चालको को दुर्घटना से बचाती और वाहनों की रफ्तार कम करती है और उसके बाद यहा कोई दुर्घटना नहीं हुई ओम बन्ना के इस तरह वाहन चालको की मदद करने के अच्छे काम को देखकर स्थानीय लोगो में इनके प्रति श्रुधा बढ़ती गयी और आज यहाँ पूजा करने वालो की भीड़ लगी रहती है उस राजमार्ग से निकलने वाला हर राहगीर ओम बन्ना को नमन करके निकलता है |

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